रघुवर श्री रामचन्द्र जी आरती

श्री राम नवमी, विजय दशमी, सुंदरकांड, रामचरितमानस कथा और अखंड रामायण के पाठ में प्रमुखता से की जाने वाली आरती।

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रघुवर श्री रामचन्द्र जी आरती

आरती कीजै श्री रघुवर जी की,
सत चित आनन्द शिव सुन्दर की॥

दशरथ तनय कौशल्या नन्दन,
सुर मुनि रक्षक दैत्य निकन्दन॥

अनुगत भक्त भक्त उर चन्दन,
मर्यादा पुरुषोत्तम वर की॥

निर्गुण सगुण अनूप रूप निधि,
सकल लोक वन्दित विभिन्न विधि॥

हरण शोक-भय दायक नव निधि,
माया रहित दिव्य नर वर की॥

जानकी पति सुर अधिपति जगपति,
अखिल लोक पालक त्रिलोक गति॥

विश्व वन्द्य अवन्ह अमित गति,
एक मात्र गति सचराचर की॥

शरणागत वत्सल व्रतधारी,
भक्त कल्प तरुवर असुरारी॥

नाम लेत जग पावनकारी,
वानर सखा दीन दुख हर की॥

रघुवर श्री रामचन्द्रके बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:


प्रश्न : भगवान राम का आशीर्वाद कैसे प्राप्त करें?
जवाब: “राम” नाम का जाप करने से मनुष्य के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं !

प्रश्न : श्री राम चंद्र जी के जीवन से हमें क्या सीख मिलती है?
उत्तर: गुरु-शिष्य, राजा-प्रजा, स्वामी-सेवक, पिता-पुत्र, पति-पत्नी, भाई-भाई, मित्र-मित्र के आदर्शों के साथ धर्मनीति, राजनीति, कूटनीति, अर्थनीति, सत्य, त्याग, सेवा, प्रेम, क्षमा, परोपकार, शौर्य, दान आदि मूल्यों का सुन्दर आदर्श हमें उनके जीवन से सीखने को मिलता है ।

प्रश्न : श्री रामचंद्र कौन हैं?
उत्तर: श्री रामचंद्र अयोध्या के राजा दशरथ और रानी कौशल्या के पुत्र हैं। वे भगवान विष्णु के सातवें अवतार माने जाते हैं और धर्म, मर्यादा, और सत्य के प्रतीक हैं।

प्रश्न : श्री राम को ‘रघुवीर’ क्यों कहा जाता है?
उत्तर: श्री राम को ‘रघुवीर’ इसलिए कहा जाता है क्योंकि वे रघु वंश के वीर योद्धा हैं। ‘रघु’ उनके वंश का नाम है और ‘वीर’ का अर्थ है वीर योद्धा।

प्रश्न : रामायण क्या है?
उत्तर: रामायण एक महाकाव्य है जिसमें श्री रामचंद्र की जीवन कथा, वनवास, सीता हरण, रावण वध, और अयोध्या वापसी का वर्णन है। इसे महर्षि वाल्मीकि ने लिखा था।

प्रश्न : श्री राम की पत्नी का नाम क्या है?
उत्तर: श्री राम की पत्नी का नाम माता सीता है, जो जनकपुरी के राजा जनक की पुत्री हैं।

प्रश्न : हनुमान जी का श्री राम से क्या संबंध है?
उत्तर: हनुमान जी श्री राम के परम भक्त और सहयोगी हैं। उन्होंने सीता माता की खोज में और रावण के साथ युद्ध में श्री राम की अत्यधिक सहायता की थी।

प्रश्न : राम नवमी क्यों मनाई जाती है?
उत्तर: राम नवमी श्री रामचंद्र के जन्मदिवस के रूप में मनाई जाती है। इसे चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है।

प्रश्न : रामायण में श्री राम के भाई कौन-कौन थे?
उत्तर: श्री राम के तीन भाई थे—भरत, लक्ष्मण, और शत्रुघ्न। लक्ष्मण उनके सबसे प्रिय भाई और साथी थे।

प्रश्न : श्री राम का वनवास कितने वर्षों का था?
उत्तर: श्री राम का वनवास 14 वर्षों का था, जिसे उन्होंने माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ मिलकर पूरा किया।

प्रश्न : श्री राम का मुख्य शत्रु कौन था?
उत्तर: श्री राम का मुख्य शत्रु रावण था, जो लंका का राजा था और जिसने माता सीता का हरण किया था।

प्रश्न : श्री राम की आराधना का महत्व क्या है?
उत्तर: श्री राम की आराधना से जीवन में सत्य, धर्म, मर्यादा, और साहस का विकास होता है। उनकी पूजा से भक्तों को आशीर्वाद और आत्मिक शांति मिलती है।

श्री रामचंद्र जी की पूजा विधि:

  1. स्नान और शुद्धि:
    – पूजा शुरू करने से पहले स्वयं स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पूजा स्थल को भी साफ करें।
  2. पूजा स्थल की तैयारी:
    – पूजा के लिए एक साफ स्थान चुनें और वहां भगवान राम, माता सीता, और लक्ष्मण जी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। अगर संभव हो तो हनुमान जी की भी मूर्ति रखें।
  3. पूजा सामग्री:
    – दीपक: घी या तेल का दीपक।
    – अगरबत्ती और धूप: सुगंधित अगरबत्ती और धूप।
    – फूल और माला: ताजे फूल, विशेष रूप से कमल और तुलसी दल।
    – कुमकुम, हल्दी और चंदन: तिलक के लिए।
    – अक्षत (चावल): पूजन के लिए।
    – पंचामृत: दूध, दही, घी, शहद और शक्कर से बना पंचामृत।
    – प्रसाद: फल, मिठाई, और पंचमेवा का प्रसाद।
    – पवित्र जल: अभिषेक और आचमन के लिए।
  4. भगवान का अभिषेक:
    – श्री राम जी की मूर्ति का पंचामृत से अभिषेक करें और फिर स्वच्छ जल से स्नान कराएं।
    – अभिषेक के बाद भगवान को वस्त्र अर्पित करें, फिर चंदन का तिलक लगाएं।
  5. दीप प्रज्वलन और आरती:
    – दीपक जलाएं और भगवान के समक्ष रखें। धूप और अगरबत्ती जलाएं।
    – श्री राम जी की आरती करें और आरती के दौरान घंटी बजाएं।
  6. पुष्प अर्पण:
    – भगवान राम को फूल अर्पित करें। तुलसी दल विशेष रूप से भगवान को प्रिय है।
  7. मंत्र जाप:
    – “श्री राम जय राम जय जय राम” मंत्र का जाप करें। श्री राम स्तुति और रामचरितमानस के कुछ श्लोक भी पढ़ सकते हैं।
  8. प्रसाद अर्पण:
    – भगवान को फलों और मिठाई का प्रसाद अर्पित करें।
  9. प्रणाम और क्षमा याचना:
    – पूजा के अंत में भगवान राम, सीता जी, लक्ष्मण जी, और हनुमान जी को प्रणाम करें और अपने किए गए पापों के लिए क्षमा याचना करें।
  10. प्रसाद वितरण:
    – पूजा के बाद प्रसाद को सभी उपस्थित भक्तों में बांटें और स्वयं भी ग्रहण करें।

विशेष सुझाव:

  • श्री राम जी की पूजा मंगलवार या राम नवमी के दिन विशेष फलदायी मानी जाती है।
  • पूजा के दौरान रामचरितमानस का पाठ करना अत्यधिक शुभ माना जाता है।

(इस विधि से पूजा करने पर भगवान श्री रामचंद्र की कृपा से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि प्राप्त होती है और भक्तों को सभी प्रकार की समस्याओं से मुक्ति मिलती है)

विनम्र अनुरोध: पोस्ट अच्छी लगे तो कमेंट बॉक्स में लिखें जय श्री राम ! आपका दिन अच्छा हो जाएगा ! यकीन नही होता तो एक बार कोशिश जररूर करना !!

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