108 Divya Shaktipeeth
प्रस्तावना भगवान शिव अथवा परमेश्वर सर्वशकिामान है और मां पार्वती (भगवती परमेश्वरी) उनको शक्ति हैं। यह सारा संसार शक्ति और शकिामान से आच्छादित है। इन्हीं से उत्पति और प्रलय होते हैं। यही संसार का मूल आधार हैं। जो इन्हें भलीभांति समझ लेते हैं.यही शक्ति युगल की उपासना करते हैं। शक्ति को परमेश्वर से कभी अलग नहीं किया जा सकता। परमेश्वर से भारत को मिलाने का कार्य भी मां भगवती ही करती है. इसीलिए देश-विदेश में सर्वाधिक भौड़ शक्तिपीठों पर ही होती है। कोटि-कोटि लोगों की मान्यता है कि मां भक्तों को मनोकामना शीघ्र पूरा करती हैं।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!शक्तिपीठों की उत्पत्ति कथा के विषय में भिन्न-भिन्न ग्रंथों में अलग अलग वर्णन मिलते हैं। तंत्र चूड़ामणि में 51. देवी भागवत पुराण में 51. शिवचरित में 51.आदिशंकराचार्य द्वारा लिखित ‘अष्टदश शाक्तिमहापौठ’ में 18 महाशकिपीठों का उल्लेख मिलता है। इन 18 शक्तिपीठों में ट्रिंकोमलाई (लका), प्रद्युम्न (गुजरात),जांगलांबा (आलमपुर).पीठापुरम् (आंध्र), द्राक्षाराम (आंध्र).गया (बिहार). दोवाड़ा (छत्तीसगढ़), चामुडेश्वरी (मैसूर). एकयोरिका (नादेड) के पीठ नए स्थान हैं। आदिशंकराचार्य द्वारा रचित ‘अष्टदश शक्तिमहापीठ’ में सभी स्थानों पर सती का कौन-कौन सा अंग गिरा है, यह दर्शाया गया है। ये शक्ति के स्थान अत्यधिक महत्वपूर्ण है।
‘तंत्र चूडामणि’ में 52 शक्तिपीठों का वर्णन दिया गया है जो प्रामाणिक माने जाते हैं। संसार में 21 शक्तिपीठ ऐसे हैं जिनके स्थान के विषय में विद्धानों एवं भक्तों में मतभेद है। कुछ विद्वान एवं भक्त अपने स्थानों को ही शक्तिपीठ मानते हैं। ऐसे कुल स्थान केवल 21 हैं। यह शक्तिपीठ अपने-अपने क्षेत्रों में मान्यता प्राप्त एवं आस्था के केंद्र है। इन शक्तिपीठों को समशक्तिपीठ के नाम से संबोधित करना उचित होगा। श्री स्वामी करपात्रीजी महाराज द्वारा लिखे गए लख’शक्तिपीठ रहस्य’ में 29 उपपीठों का उल्लेख किया गया है। अन्य उपशक्तिपीठ तीन हैं। इस प्रकार कुल शकिपीठों की संख्या इस प्रकार है:
1 | विभिन्न पुराणों के अनुसार शक्तिपीठ | 53 शझिापीठ |
2 | जिन शकिापीठों में मत-मतावर है ऐसे समशक्तिपीठ | 21 समशक्तिपीठ |
3 | श्री स्वामी करपात्रीजी के अनुसार 29 उपशक्तिपीठ हैं, जिनमें 6 का अस्तित्व समाप्त हो गया है। | 23 उपशकिापीठ |
4 | आदिशंकराचार्य द्वारा लिखित अष्टदश शक्तिमहापौटों में से 9 शक्तिपीठ ऐसे है जिनका उल्लेख 51 शक्तिपीठों में नहीं है। | 09 शक्तिपीठ |
5 | ‘त्रिपुरा रहस्य माहात्म्य’ के 48वें अध्याय में प्रधान 12 देवोपीठों का वर्णन किया गया है। जिनमें ‘विध्यवासिनी देवी एवं गढ़कालिका, उज्जैन 52 शक्तिपीठों में शामिल नहीं हैं। | 02 शक्तिपीठ |
6 | शक्तिपीठ कुल शक्तिपीठ | 108 शक्तिपीठ |
उपरोक्त शक्तिपीठों के सही स्थान एवं उनके सही मार्गों के विषय में अभी पूरा शोध नहीं किया गया है। केवल तीस-चालीस शक्तिपीठ ही अब तक चर्चा तथा तीर्थयात्रा के विषय रहे हैं। उपपौठों के विषय में तो अब तक किसी भी ग्रंथ में कोई विवरण उपलब्ध नहीं है। मेरा प्रयास रहा है कि मैं एक-एक स्थान की यात्रा कर मां परमेश्वरी के इन दिव्य, महिमामयी वैभवपूर्ण आस्था केंद्रों के एक-एक स्थान का पूर्ण विवरण भक्तों के सामने रख सकू। इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए हो इस ग्रंथ की रचना की गई है। कई लाख किलोमीटर की निरंतर यात्रा के बाद प्रसाद स्वरूप अब यह ग्रंथ आपके हाथों में समर्पित है। इस ग्रंथ की रचना हंतु शिवपुराण, देवीभागवत पुराण, गौता प्रेस का शक्ति अंक, त्रिपुरा रहस्य एवं तीन सौ से अधिक पुस्तकों तथा ग्रंथों का संदर्भ ग्रहण किया गया है। संदर्भ ग्रहण के पश्चात संपूर्ण भारत, नेपाल, श्रीलंका, बांग्लादेश के एक-एक स्थान की यात्रा करके प्राप्त विवरण के अनुसार मंदिरों के संबंध में नवीनतम जानकारियां दी गई हैं। इस ग्रंथ में देवी भगवती के समस्त शक्तिपीठों का सचित्र उल्लेख किया गया है, जिनकी कुल संख्या 108 है। सभी देवी मंदिरों से संबंधित सभी बिंदुओं पर संक्षिप्त लेखन का प्रयास किया गया है। स्थापना काल, स्थापना करने वाले का नाम, मंदिर की वास्तुकला. मां का स्वरूप, मंदिर का क्षेत्रफल, दर्शनार्थियों की वार्षिक संख्या, पुजारियों, कर्मचारियों की संख्या. फल, फूल एवं प्रसाद की दुकानों की संख्या, वार्षिक बजट. मंदिर में मनाए जाने वाले पर्व व त्योहार. मार्ग परिचय आदि सभी विषयों पर आवश्यकतानुसार लिखा गया है जिससे भक्तों को देवी-मंदिरों के विषय में पूर्ण विवरण मिल सके तथा उनके महत्व की जानकारी प्राप्त हो सके। यह ग्रंथ देवी-भक्तों के चरणों में सादर समर्पित है
स्थान | देवी का स्थान | पीठ |
जम्मू और कश्मीर | ||
जम्मू | वैष्णों देवी | समशक्तिपीठ |
जम्मू | वैष्णों देवी | शक्तिपीठ |
पंजाब | ||
जालंधर | विश्वमुखी देवी | समशक्तिपीठ |
पटियाला | कालिका देवी | शक्तिपीठ |
हरियाणा | ||
कुरुक्षेत्र | भद्रकाली | |
पंचकुला | मनसा देवी | |
हिमाचल प्रदेश | ||
बिलासपुर | नैना देवी | समशक्तिपीठ |
ऊना | चितपूर्णा | समशक्तिपीठ |
काँगड़ा | ज्वालागी | शक्तिपीठ |
काँगड़ा | वृजेश्वरी देवी | शक्तिपीठ |
काँगड़ा | चामुंडा देवी | समशक्तिपीठ |
दिल्ली | ||
दिल्ली | योगमाया | शक्तिपीठ |
उत्तराखंड | ||
नैनीताल | नयना देवी | समशक्तिपीठ |
बागेश्वर | भद्रकाली | समशक्तिपीठ |
चम्पावत | पूर्णागिरि | समशक्तिपीठ |
देहरादून | कुंजापुरी | समशक्तिपीठ |
हरिद्वार | माया देवी | समशक्तिपीठ |
उत्तर प्रदेश | ||
इलाहाबाद | ललिता देवी | शक्तिपीठ |
इलाहाबाद | कल्याणी देवी | उपशक्तिपीठ |
इलाहाबाद | आलोची देवी | उपशक्तिपीठ |
इलाहाबाद | राजराजावरी | उपशक्तिपीठ |
इलाहाबाद | ललिता देवी | उपशक्तिपीठ |
रमाबाई नगर | मुक्तेश्वरी देवी | समशक्तिपीठ |
बलरामपुर | देवी पाटन | समशक्तिपीठ |
मधुरा | चामुंडा देवी | शक्तिपीठ |
वाराणसी | विशालाक्षी | शक्तिपीठ |
मिर्जापुर | विध्यवासिनी | शक्तिपीठ |
सीतापुर | मां ललितादेवी | अष्टशतपीठ |
सहारनपुर | शाकुंभरी देवी | उपशक्तिपीठ |
गाजीपुर | कामाख्या धाम | उपशक्तिपीठ |
बिहार | ||
मुंगेर | चंडिका स्थान | समशक्तिपीठ |
समस्तीपुर | मिथिला भगवती स्थान | समशक्तिपीठ |
पटना | मगध (पटनेश्वरी) | शक्तिपीठ |
हाजीपुर | वृद्धांचा देवी | उपशक्तिपीठ |
आरा | आरण्य देवी | समशक्तिपीठ |
डेहरी आन सोन | तारा चंडी मंदिर | समशक्तिपीठ |
सहरसा | उग्रतारा | समशक्तिपीठ |
गया | सर्वमंगला | समशक्तिपीठ |
झारखंड | ||
हजारोवाग | रजरप्पा | समशक्तिपीठ |
देवघर | पार्वती मंदिर | समशक्तिपीठ |
छत्तीसगढ़ | ||
बिलासपुर | महामाया | शक्तिपीठ |
दंतेवाड़ा | मां दंतेश्वरी देवी | शक्तिपीठ |
मध्य प्रदेश | ||
अमरकंटक | शोण | शक्तिपीठ |
उज्जैन | हरसिद्धि | शक्तिपीठ |
उज्जैन | गढ़कालिका | शक्तिपीठ |
सतना | मां शारदा | शक्तिपीठ |
पन्ना | पदमावती देवी | शक्तिपीठ |
राजस्थान | ||
अजमेर | माता गायत्री | शक्तिपीठ |
जयपुर | अम्बिका विराट | शक्तिपीठ |
आबू रोड | अंबाजी | समशक्तिपीठ |
बांसवाड़ा | त्रिपुरा सुंदरी | समशक्तिपीठ |
गुजरात | ||
जूनागढ़ | अंबादेवी | समशक्तिपीठ |
बनासकाठा | अंबाजी | शक्तिपीठ |
महाराष्ट्र | ||
कोल्हापुर | करवीर | शक्तिपीठ |
नासिक | भद्रकाली जनस्थान | शक्तिपीठ |
तमिलनाडु | ||
कन्याकुमारी | शुचीदम | शक्तिपीठ |
कन्याकुमारी | कुमारी देवी | शक्तिपीठ |
कांचीपुरम | कांची | शक्तिपीठ |
मदुरै | मौनाक्षी | अष्ट शक्तिपीठ |
कर्नाटक | ||
मैसूर | चामुंडेश्वरी | शक्तिपीठ |
आंध्र प्रदेश | ||
महबूबनगर | जोगलांचा | शक्तिपीठ |
पूर्वी गोदावरी | गोदावरी | शक्तिपीठ |
कुन्त | श्री शैत | शक्तिपीठ |
पूर्वी गोदावरी | पुरुडांतिका | शक्तिपीठ |
पूर्वी गोदावरी | माणिक्यांचा देवी | समशक्तिपीठ |
उड़ीसा | ||
जगन्नाथपुरी | मा विमला | शक्तिपीठ |
जाजपुर | गिरिजा देवी | समशक्तिपीठ |
संबलपुर | मानेश्वरी देवी | समशक्तिपीठ |
पश्चिम बंगाल | ||
वर्धमान | युगाद्या | शक्तिपीठ |
वीरभूमि | महिषासुर मर्दिनी | शक्तिपीठ |
वीरभूमि | नलहतेश्वरी देवी | शक्तिपीठ |
वीरभूमि | फुल्लरा | शक्तिपीठ |
वीरभूमि | नदिकंशारी | शक्तिपीठ |
वीरभूमि | देव गरबा | समशक्तिपीठ |
वीरभूमि | तारापीठ | समशक्तिपीठ |
मिदनापुर | विभाष | शक्तिपीठ |
जलपाईगुड़ी | भ्रामरी देवी | शक्तिपीठ |
जलपाईगुड़ी | त्रिस्योता | उप शक्तिपीठ |
जलपाईगुड़ी | शालेश्वरी देवी | उप शक्तिपीठ |
हुगती | किरीतेश्वरी | शक्तिपीठ |
कोलकाता | काली | शक्तिपीठ |
कोलकाता | बहुला | शक्तिपीठ |
कोलकाता | चंडीतला | समशक्तिपीठ |
असम | ||
गुवाहाटी | कामाख्या | शक्तिपीठ |
गुवाहाटी | द्विधेश्वरी माता | उप शक्तिपीठ |
गुवाहाटी | उग्रतारा | उप शक्तिपीठ |
धुबरी | महामाया | समशक्तिपीठ |
पूर्वोत्तर भारत | ||
मेधालय | जयंती | शक्तिपीठ |
उदयपुर | त्रिपुरा सुंदरी | शक्तिपीठ |
बांग्लादेश | ||
चटगांव | भवानी मंदिर | शक्तिपीठ |
खुलना | जसरेश्वरी | शक्तिपीठ |
सिलहट | श्रीपर्वत | शक्तिपीठ |
बोरीसल | सुनंदा देवी | समशक्तिपीठ |
बांगड़ा | भवानी करतोया | शक्तिपीठ |
बंगुरा | भवानी | समशक्तिपीठ |
श्रीलंका | ||
चिल्लाया | भद्रकालो लंका | शक्तिपीठ |
ट्रिकोमलाई | शंकरीदेवी | शक्तिपीठ |
पाकिस्तान | ||
प. पाकिस्तान | हिंगलाज | शक्तिपीठ |
नेपाल | ||
काठमांडू | गुहोश्वरी | शक्तिपीठ |
मुस्तांग | गंडको | शक्तिपीठ |
काठमांडू | रक्तकाली | उप शक्तिपीठ |
धनुषा | मिथिला (जगवासिनो) | शक्तिपीठ |
सुनसरी | दंतकाली | उप शक्तिपीठ |
चीन | ||
तिब्बत | मानस (दाक्षायिणी) | शक्तिपीठ |