श्री सूर्य देव आरती:
सूर्य देव ( Surya Dev) को ही संपूर्ण जगत की आत्मा तथा ब्रह्म के रूप में दर्शाया गया है. ज्योतिष शास्त्र में भी सूर्य का बहुत महत्व बताया गया है. चन्द्र, मंगल और गुरु ग्रह सूर्य देव के मित्र माने गए हैं|
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!हिंदू धर्म में रविवार का दिन सूर्य देव को समर्पित माना जाता है. सूर्य देव बहुत कल्याणकारी हैं. सूर्य देव की पूजा और व्रत करने से प्राण ऊर्जा बढ़ती है, कष्ट दूर होते हैं और जीवन में खुशहाली आती है. आर्य वैदिक काल में सूर्य को ही सारे विश्व का कर्ता धर्ता मानते थे. हिंदू धर्म में प्राचीन काल से सूर्य की उपासना और उपवास की परंपरा चली आ रही है. धर्म शास्त्रों में सूर्य को ही संपूर्ण जगत की आत्मा तथा ब्रह्म के रूप में दर्शाया गया है.
ऊँ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान ।
जगत् के नेत्र स्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा ।
धरत सब ही तव ध्यान, ऊँ जय सूर्य भगवान ॥
॥ ऊँ जय सूर्य भगवान..॥
सारथी अरूण हैं प्रभु तुम, श्वेत कमलधारी, तुम चार भुजाधारी ॥
अश्व हैं सात तुम्हारे, कोटी किरण पसारे, तुम हो देव महान ॥
॥ ऊँ जय सूर्य भगवान..॥
ऊषाकाल में जब तुम, उदयाचल आते ।
सब तब दर्शन पाते, फैलाते उजियारा,
जागता तब जग सारा, करे सब तब गुणगान ॥
॥ ऊँ जय सूर्य भगवान..॥
संध्या में भुवनेश्वर, अस्ताचल जाते ।
गोधन तब घर आते, गोधुली बेला में,
हर घर हर आंगन में, हो तव महिमा गान ॥
॥ ऊँ जय सूर्य भगवान..॥
देव दनुज नर नारी, ऋषि मुनिवर भजते । आदित्य हृदय जपते ॥
स्त्रोत ये मंगलकारी, इसकी है रचना न्यारी, दे नव जीवनदान ॥
॥ ऊँ जय सूर्य भगवान..॥
तुम हो त्रिकाल रचियता, तुम जग के आधार । महिमा तब अपरम्पार ॥
प्राणों का सिंचन करके, भक्तों को अपने देते । बल बृद्धि और ज्ञान ॥
॥ ऊँ जय सूर्य भगवान..॥
भूचर जल चर खेचर, सब के हो प्राण तुम्हीं । सब जीवों के प्राण तुम्हीं ॥
वेद पुराण बखाने, धर्म सभी तुम्हें माने । तुम ही सर्व शक्तिमान ॥
॥ ऊँ जय सूर्य भगवान..॥
पूजन करती दिशाएं, पूजे दश दिक्पाल ।
तुम भुवनों के प्रतिपाल ॥ ऋतुएं तुम्हारी दासी,
तुम शाश्वत अविनाशी । शुभकारी अंशुमान ॥
॥ ऊँ जय सूर्य भगवान..॥
ऊँ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान ।
जगत के नेत्र रूवरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा ॥
धरत सब ही तव ध्यान,
ऊँ जय सूर्य भगवान ॥
श्री सूर्य देव
Read More: Surya Dev Aarti in English
सूर्य देव आरती के फायदे :
- ऊर्जा और शक्ति: सूर्य देव को ऊर्जा और शक्ति का स्रोत माना जाता है। उनकी आरती करने से मन में ऊर्जा और सकारात्मकता का संचार होता है।
- स्वास्थ्य लाभ: सूर्य देव की पूजा से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है। नियमित आरती करने से रोगों से मुक्ति और सेहत में सुधार होता है।
- सकारात्मकता: सूर्य देव की आरती से नकारात्मकता दूर होती है और सकारात्मक सोच विकसित होती है, जो जीवन में सफल होने में मदद करती है।
- वित्तीय समृद्धि: सूर्य देव की कृपा से आर्थिक स्थिति में सुधार होता है। आरती करने से धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
- कष्टों का निवारण: सूर्य देव की आरती से जीवन के कष्ट और दुखों का निवारण होता है। यह भक्तों को विपरीत परिस्थितियों से लड़ने की शक्ति प्रदान करती है।
- आत्मविश्वास: सूर्य देव की आरती से आत्मविश्वास में वृद्धि होती है। यह भक्तों को आत्मनिर्भर और सक्षम बनाता है।
- सुख-शांति: आरती करने से घर में सुख-शांति का वातावरण बनता है। यह परिवार में प्रेम और सामंजस्य बढ़ाने में मदद करती है।
- ध्यान और एकाग्रता: सूर्य देव की आरती से ध्यान और एकाग्रता में सुधार होता है, जो अध्ययन और कार्य में मदद करता है।
(इन सभी फायदों के माध्यम से, सूर्य देव आरती एक महत्वपूर्ण पूजा है, जो भक्तों को मानसिक, शारीरिक और आर्थिक रूप से मजबूत बनाने में मदद करती है)