हरतालिका तीज पूजा सामग्री:
भगवान शिव और पार्वती की मूर्ति या तस्वीर:
हरतालिका तीज की पूजा का मुख्य ध्येय भगवान शिव और पार्वती होते हैं। भक्तों को पूजा अल्टर पर रखने के लिए दिव्य जोड़ी की मूर्ति या तस्वीर की व्यवस्था करनी चाहिए। मूर्ति या तस्वीर साफ होनी चाहिए और उसे फूलों और पवित्र कपड़ों से सजाया जाना चाहिए।
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पूजा थाली:
पूजा थाली या प्लेट, सभी पूजा वस्त्रों को रखने के लिए आवश्यक होती है। यह आमतौर पर चांदी या पीतल से बनी होती है और पारंपरिक आकृतियों से सजी होनी चाहिए। थाली में पूजा के दौरान जलाने के लिए एक छोटा दीया (लैंप) शामिल होना चाहिए।
पानी:
पानी हिन्दू धार्मिक आचारों का एक महत्वपूर्ण तत्व है। भक्तों को पूजा के दौरान देवताओं के अभिषेक के लिए एक साफ कंटेनर में पानी रखना चाहिए। इसे अपवित्र कर्म के रूप में अपने ऊपर पानी छिड़कने के लिए भी उपयोग किया जाता है।
धूप और अगरबत्ती:
पूजा के दौरान सुगंधित अगरबत्ती और धूप जलाई जाती हैं, जो शांत और दिव्य वातावरण बनाने के लिए उपयोग होती हैं। अगरबत्ती की सुगंध मान्यता है कि आस-पास की वातावरण को शुद्ध करती है और देवताओं को प्रसन्न करती है।
दीपक और घी:
दीपक या तेल का दिया पूजा के दौरान आदर्श माना जाता है। भक्तों को एक छोटा तेल का दीपक भरा हुआ और कपास की बत्तियों के साथ रखना चाहिए। दीपक ईश्वरीय प्रकाश और ज्ञान की मौजूदगी का प्रतीक होता है।
फूल और माला:
ताजगी वाले फूल हिन्दू धार्मिक कार्यक्रमों में बहुत महत्व रखते हैं। भक्तों को भगवान शिव और पार्वती की मूर्ति या तस्वीर के आस-पास लोटस, गुलाब और गेंदे जैसे विविध फूलों की व्यवस्था करनी चाहिए। फूलों की माला मूर्ति या तस्वीर के आस-पास सजाई जा सकती है।
अक्षत (अपकचे चावल):
अक्षत, यानी अपकचे चावल अपरिष्कृत माना जाता है और पूजा के दौरान दिया जाता है। भक्त अक्षत तैयार कर सकते हैं, चावल की दानेदार दाने को हल्दी पाउडर या केसर के स्ट्रैंड के साथ मिला कर, जो पवित्रता और समृद्धि की प्रतीक होते हैं।
मिठाई और फल:
हरतालिका तीज के दौरान देवताओं को मिठाई और फल भेंट करना आम प्रथा है। भक्त लड्डू, पेड़ा, या खीर जैसी पारंपरिक मिठाईयों को चुन सकते हैं, और एक प्याली में ताजगी वाले फल रख सकते हैं, जैसे कि केला, सेब, और अंगूर।
पान, सुपारी, इलायची, और नारियल:
पान, सुपारी, इलायची और नारियल भी पूजा के दौरान उपयोग होते हैं। इन्हें भक्तों को अपने विशेष सामग्री थाली में रखना चाहिए।
कपूर और घंटी:
कपूर पूजा अनुष्ठान में उपयोग होता है, जहां इसे प्रज्ज्वलित करके और देवी-देवताओं के सामने हिलाया जाता है। घंटियों की ध्वनि स्वर्गीय मौजूदगी की और अस्थान करने वाली अनुभूति की संकेत करती है और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करती है।
11. पंचामृत:
पंचामृत एक पवित्र मिश्रण है जिसमें पांच तत्व – दूध, दही, शहद, घी और चीनी होती हैं। यह देवताओं को भोग के रूप में तैयार किया जाता है और बाद में भक्तों में प्रसाद के रूप में वितरित किया जाता है।
12. पान और सुपारी:
पान और सुपारी देवताओं के प्रति अतिथि-सत्कार और सम्मान के प्रतीक के रूप में भेंट किए जाते हैं। इन्हें पूजा के दौरान मूर्ति या तस्वीर के पास रखा जा सकता है।
निष्कर्ष:
(पूजा सामग्री की उचित तैयारी और व्यवस्था हरतालिका तीज के अर्थपूर्ण और पूर्णतापूर्ण आयोजन के लिए आवश्यक है। पूजा की ऊपरोक्त वस्त्रों में भगवान शिव और देवी पार्वती की मूर्ति या तस्वीर, पूजा थाली, पानी, धूप, तेल दीपक, फूल, हार, अक्षत, मिठाई, फल, पवित्र धागा, सिन्दूर, कपूर, घंटी, पंचामृत, पान और सुपारी शामिल हैं। भक्तों को शुद्ध भाव से और पूरी समर्पण के साथ पूजा करनी चाहिए, सुनिश्चित करते हुए कि पूजा सामग्री को उचित रूप से व्यवस्थित और उपयोग किया जाता है ताकि दिव्य जोड़ी का सम्मान किया जा सके और उनकी दिव्य कृपा और आशीर्वाद की प्राप्ति की जा सके)