वट सावित्री पूजा सामग्री

वट सावित्री पूजा सामग्री:

वट वृक्ष (बरगद का पेड़): वट सावित्री पूजा के दौरान बरगद का पेड़ महत्वपूर्ण माना जाता है। इसे दीर्घायु और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। यदि संभव हो, पूजा के लिए बरगद के शाखाएं या पत्तियां ले आएं।

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  • पवित्र धागे: पवित्र धागे तैयार करें, पसंदीदा रंगों में से पीले या लाल रंग के हों। इन धागों को वट वृक्ष की छाल के चारों ओर बांधें। इन धागों का मान्यता है कि इससे आशीर्वाद मिलता है और इच्छाएं पूरी होती हैं।

  • पूजा थाली: पूजा के आयोजन के लिए एक सजावटी थाली आवश्यक होती है। इसमें छोटे-छोटे पात्रों में पानी, दीपक (तेल का दिया), अगरबत्ती, घंटी और थोड़ा सा चावल रखें।

  • सिन्दूर (कुंकुम): सिन्दूर वट सावित्री पूजा में विशेष महत्व रखता है। वट वृक्ष और आपके माथे पर सिन्दूर लगाएं। यह पतिव्रता और पति की दीर ्घायु का प्रतीक होता है।

  • हल्दी (तुरमेरिक) का पेस्ट: हल्दी पाउडर को पानी के साथ मिलाकर एक पेस्ट तैयार करें। इस पेस्ट को वट वृक्ष की छाल और अपने माथे पर लगाएं। हल्दी को शुभ और शुद्ध माना जाता है।

  • फूल: पूजा के दौरान ताजगी से भरे हुए फूल वट वृक्ष को अर्पित करें। आप मेरीगोल्ड, गुलाब के पत्ते या किसी अन्य पसंदीदा फूल का उपयोग कर सकते हैं। फूल सौंदर्य, भक्ति और कृपा का प्रतीक होते हैं।

  • फल: पूजा के लिए मौसम के अनुसार विभिन्न प्रकार के फल चुनें। ये फल वृद्धि, समृद्धि और स्वास्थ्य का प्रतीक होते हैं।

  • मिठाई: पूजा के दौरान परंपरागत भारतीय मिठाइयां जैसे लड्डू, बर्फी या पेड़े का आयोजन करें। इन मिठाइयों को प्रसाद के रूप में अर्पित करें। मिठाई सुखी और पूर्णता का प्रतीक होती है।

  • पान की पत्ती और सुपारी: पान की पत्ती और सुपारी हिन्दू धार्मिक आयोजनों में शुभ मानी जाती हैं। इन्हें वट वृक्ष को अर्पित करें, जो सम्मान और शुभकामनाएं प्रदर्शित करती हैं।

  • पवित्र जल: पूजा के लिए शुद्ध और पवित्र जल को एक छोटे से पात्र में संग्रहित करें। इस जल को अपने ऊपर, वट वृक्ष पर और अन्य पूजा सामग्री पर छिड़कें, जिससे शुद्धि होगी।

  • धूप और दीपक: धूप स्टिक्स को जलाएं और उन्हें धूप धारक में रखें। साथ ही, तेल या घी से भरी हुई दीपक को जलाएं। धूप का सुगंध और दीपक की प्रकाशमयता सकारात्मकता और दैवी प्रसान्ति का प्रतीक होती हैं।

  • अक्षता (चावल): कुछ अपक्षत चावल लें और उसे थोड़े से पानी के साथ मिलाएं। इसे पूजा के दौरान छिड़कें, जो आशीर्वाद और शुभ भाग्य का प्रतीक होता है।

(ध्यान दें, ये वट सावित्री पूजा के लिए महत्त्वपूर्ण सामग्री आपको सामान्य रूप से दी गई है, और क्षेत्रीय रीति-रिवाज और परंपराओं के आधार पर भिन्नताएँ हो सकती हैं। हमेशा संबंधित पुरोहित या बड़ों के पास विशेष मार्गदर्शन और सिफारिश के लिए परामर्श करना सुनिश्चित करें)

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